कार्तिक माह महात्म्य – दूसरा अध्याय
कार्तिक माह महात्म्य – दूसरा अध्याय 〰️〰️🔸〰️〰️🔸🔸〰️〰️🔸〰️〰️ सिमर चरण गुरुदेव के, लिखूं शब्द अनूप। कृपा करें भगवान, सतचितआनन्द स्वरूप।। भगवान श्रीकृष्ण आगे बोले – हे प्रिये! जब गुणवती को राक्षस द्वारा अपने पति एवं… कार्तिक माह महात्म्य – दूसरा अध्याय