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*आज का अनमोल विचार*
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*एक चिंतन…………………………….*
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_*शरीर को ही नहीं अपने शब्दों को भी सुन्दर रखिए …!!!*_
_*”क्योंकि”*_
_*लोग आपकी शक्ल को चाहे भूल जाएं लेकिन आपके शब्दों को कभी भी नहीं भूलते…….!!!!!!!*_
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_*जीवन में आपसे कौन मिलेगा यह समय तय करेगा, जीवन में आप किस से मिलेंगे यह आपका दिल तय करेगा…….!!!!*_
_*”लेकिन”*_
_*जीवन में किस-किस के दिल में बने रहेंगे यह आपका व्यवहार तय करेगा……!!!!!*_
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_*कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा….!!!*_
*_कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा…..!!!!_*
*_तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा….!!!!_*
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*‼️ जयश्रीराम ‼️*
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क आत्मा क: परो वात्र
स्वीय: पारक्य एव वा।
स्व-पराभिनिवेशेन
विना ज्ञानेन देहिनाम्।।
(श्रीमद्भागवत – ७/२/६०)
अर्थात 👉 इस संसार मे कौन अपना है और कौन पराया है – देहधारियों को इसके ज्ञान के विना ही अपने और पराए का दुराग्रह होते रहता है।
