10 बुराइयां हैं जिन्हें दूर करने से कामयाबी मिल सकती है
आओ, उन बुराइयों को जाने जिनसे आम तौर पर कामयाबी मिलने मै रोकावत आती है जिन्हें दूर करने से कामयाब बन सकते हैं
*जीवन में कामयाबी प्राप्त करने के लिए कई बुराइयों को दूर करना आवश्यक है। यहाँ 10 बुराइयां हैं जिन्हें दूर करने से कामयाबी मिल सकती है:*
1. आलस्य: आलस्य जीवन में आगे बढ़ने की राह में बाधा है। बदलाव: समय पर उठें, नियमित व्यायाम करें, और लक्ष्य निर्धारित करें।
2. नकारात्मक सोच: नकारात्मक सोच जीवन में असफलता का कारण है। बदलाव: सकारात्मक सोच रखें, अच्छी किताबें पढ़ें, और प्रेरक लोगों से साथ रहें।
3. झूठ और छल: झूठ और छल जीवन में विश्वास को तोड़ते हैं। बदलाव: सच्चाई और ईमानदारी का पालन करें।
4. क्रोध और गुस्सा: क्रोध और गुस्सा जीवन में तनाव और समस्याएं पैदा करते हैं। बदलाव: शांति और धैर्य रखें, योग और ध्यान करें।
5. लालच और महत्वाकांक्षा: लालच और महत्वाकांक्षा जीवन में असंतुष्टता का कारण है। बदलाव: संतुष्टि और संतुलन रखें, अपने लक्ष्यों को सीमित रखें।
6. अहंकार: अहंकार जीवन में रिश्तों को खराब करता है। बदलाव: विनम्रता और सहानुभूति रखें, दूसरों की बात सुनें।
7. आलोचना: आलोचना जीवन में आत्मविश्वास को कम करती है। बदलाव: आत्मविश्वास बढ़ाएं, अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें।
8. असफलता का डर: असफलता का डर जीवन में प्रगति को रोकता है। बदलाव: जोखिम उठाएं, सीखें और आगे बढ़ें।
9. अनुशासन की कमी: अनुशासन की कमी जीवन में असफलता का कारण है। बदलाव: समय सारणी बनाएं, अनुशासन रखें।
10. आत्म-मूल्यांकन की कमी: आत्म-मूल्यांकन की कमी जीवन में सुधार की कमी का कारण है। बदलाव: आत्म-मूल्यांकन करें, अपने दोषों को सुधारें।
इन बुराइयों को दूर करने से जीवन में कामयाबी मिल सकती है और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

*🔹जीवन में उपयोगी नियम 🔹*
*🔸1. जहाँ रहते हो उस स्थान को तथा आस-पास की जगह को साफ रखो ।*
*🔸2. हाथ पैर के नाखून बढ़ने पर काटते रहो । नख बढ़े हुए एवं मैल भरे हुए मत रखो ।*
*🔸3. अपने कल्याण के इच्छुक व्यक्ति को बुधवार व शुक्रवार के अतिरिक्त अन्य दिनों में बाल नहीं कटवाना चाहिए ।*
*🔸4. सोमवार, बुधवार और शनिवार शरीर में तेल लगाने हेतु उत्तम दिन हैं । यदि तुम्हें ग्रहों के अनिष्टकर प्रभाव से बचना है तो इन्हीं दिनों में तेल लगाना चाहिए ।*
*🔸5. शरीर में तेल लगाते समय पहले नाभि एवं हाथ-पैर की उँगलियों के नखों में भली प्रकार तेल लगा देना चाहिए ।*
*🔸6. पैरों को यथासंभव खुला रखो । प्रातःकाल कुछ समय तक हरी घास पर नंगे पैर टहलो । गर्मियों में मोजे आदि से पैरों को मत ढँको ।*
*🔸7. ऊँची एड़ी के या तंग पंजों के जूते स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं ।*
*🔸8. पाउडर, स्नो आदि त्वचा के स्वाभाविक सौंदर्य को नष्ट करके उसे रूखा एवं कुरूप बना देते हैं ।*
*🔸9. बहुत कसे हुए एवं नायलोन आदि कृत्रिम तंतुओं से बने हुए कपड़े एवं चटकीले भड़कीले गहरे रंग से कपड़े तन-मन के स्वास्थ्य के हानिकारक होते हैं । तंग कपड़ों से रोमकूपों को शुद्ध हवा नहीं मिल पाती तथा रक्त-संचरण में भी बाधा पड़ती है। बैल्ट से कमर को ज़्यादा कसने से पेट में गैस बनने लगती है । ढीले-ढाले सूती वस्त्र स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम होते हैं ।*
*🔸10. कहीं से चलकर आने पर तुरंत जल मत पियो, हाथ पैर मत धोओ और न ही स्नान करो । इससे बड़ी हानि होती है । पसीना सूख जाने दो । कम-से-कम 15 मिनट विश्राम कर लो । फिर हाथ-पैर धोकर, कुल्ला करके पानी पीयो । तेज गर्मी में थोड़ा गुड़ या मिश्री खाकर पानी पीयो ताकि लू न लग सके ।*
*🔸11. अश्लील पुस्तक आदि न पढ़कर ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए ।*
*🔸12. चोरी कभी न करो ।*
*🔸13. किसी की भी वस्तु लें तो उसे सँभाल कर रखो । कार्य पूरा हो फिर तुरन्त ही वापिस दे दो ।*
*🔸14. समय का महत्त्व समझो । व्यर्थ बातें, व्यर्थ काम में समय न गँवाओ । नियमित तथा समय पर काम करो ।*
*🔸15. स्वावलंबी बनो । इससे मनोबल बढ़ता है ।*
*🔸16. हमेशा सच बोलो । किसी की लालच या धमकी में आकर झूठ का आश्रय न लो ।*
*🔸17. अपने से छोटे दुर्बल बालकों को अथवा किसी को भी कभी सताओ मत । हो सके उतनी सबकी मदद करो ।*
*🔸18. अपने मन के गुलाम नहीं परन्तु मन के स्वामी बनो । तुच्छ इच्छाओं की पूर्ति के लिए कभी स्वार्थी न बनो ।*
*🔸19. किसी का तिरस्कार, उपेक्षा, हँसी-मजाक कभी न करो । किसी की निंदा न करो और न सुनो ।*
*🔸20. किसी भी व्यक्ति, परिस्थिति या मुश्किल से कभी न डरो परन्तु हिम्मत से उसका सामना करो ।*
*🔸आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है । इस दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा करने का विधान है । कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है ।*
*🔸इस दिन मां कात्यायनी को पूजन में शहद का को भोग लगाना चाहिए । इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं ।*

*🔹लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु🔹*
*🔸 ‘परमात्मा मेरे आत्मा हैं । ॐ आनंद, ॐ शांति, ॐ माधुर्य… ।’ घर में अन्न की कमी हो तो ऐसा चिंतन करके जौ का ध्यान करें, अन्न की कमी सदा के लिए मिट जायेगी ।
*🔸घर में टूटी-फूटी अथवा अग्नि से जली हुई प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए । ऐसी मूर्ति की पूजा करने से गृहस्वामी के मन में उद्वेग या अनिष्ट होता है