Skip to content

भगवान श्रीकृष्ण की अर्जुन को सीख:

*🚩🕉️ भगवान श्रीकृष्ण की अर्जुन को सीख:

*यात्रा करते समय सकारात्मक रहेंगे तो नई-नई अच्छी बातें सीख पाएंगे और व्यक्तित्व में निखार आएगा*

🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩

*🚩🕉️महाभारत की घटना है। युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव का विवाह द्रौपदी से हो गया था। पांचों पांडवों का विवाह हो गया था। विवाह के बाद पांडवों ने नियम बनाया था कि जब कोई एक भाई द्रौपदी के साथ होगा, तब कोई अन्य भाई उनके कक्ष यानी कमरे में नहीं जाएगा। सभी भाई इस नियम का पालन सख्ती से करते थे और एक-दूसरे के एकांत को भंग नहीं करते थे।*

*🚩🕉️एक दिन युधिष्ठिर और द्रौपदी एकांत में थे। अर्जुन के धनुष-बाण उस कमरे में रखे हुए थे, जहां युधिष्ठिर और द्रौपदी थे। उस समय एक गरीब व्यक्ति अर्जुन के पास पहुंचा और बोला कि कोई चोर उसकी गाय चुराकर ले गया है। मेरी मदद करें। अर्जुन उस व्यक्ति की मदद के लिए अपने धनुष-बाण लेने युधिष्ठिर-द्रौपदी के कमरे में चले गए। अर्जुन ने उस गरीब की मदद तो कर दी, लेकिन पांडवों का बनाया हुआ नियम तोड़ दिया। ये नियम तोड़ने के लिए अर्जुन को वनवास जाना पड़ा।*

*🚩🕉️अर्जुन 12 वर्षों के लिए अकेले ही वनवास के लिए निकल पड़े थे। वे वन-वन घूम रहे थे। अर्जुन ने तय किया कि मुझे इस वनवास में तपस्या करके अपने व्यक्तित्व को और निखारना चाहिए। उन्हें अपने परिवार से बिछड़ने का दु:ख तो था, लेकिन उन्होंने सोचा कि मुझे वन में दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि नए लोगों से मिलकर कुछ नया सीखना चाहिए।*

*🚩🕉️वनवास के समय में एक श्रीकृष्ण और अर्जुन की मुलाकात हुई। अर्जुन ने पूरी बात श्रीकृष्ण को बता दी। श्रीकृष्ण ने कहा कि तुम मेरे साथ द्वारका चलो।*

*🚩🕉️अर्जुन ने कहा कि मुझे तो वनवास में ही रहना है। मैं वन से बाहर नहीं जा सकता।*

*🚩🕉️श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि वन में घूमो और नए-नए स्थानों का, नई-नई विद्याओं का ज्ञान प्राप्त करो। जब हम यात्रा में होते हैं, तब हमें लगातार नया सीखते रहने की कोशिश करनी चाहिए। तभी यात्रा का लाभ मिल सकता है। वन तो तुम देख चुके हों, अब मैं तुम्हें द्वारका इसीलिए ले जा रहा हूं, ताकि तुम एक ऐसी नगरी देख सको, जहां तुम्हें और नई बातें सीखने को मिलेगी। द्वारका में योग में भोग और भोग में योग देखने को मिलेगा। तुम्हें द्वारका बहुत बड़ा संदेश मिलेगा। श्रीकृष्ण की बातें मानकर अर्जुन द्वारका चले गए।*

*🚩🕉️श्रीकृष्ण की सीख*

*🚩🕉️श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि यात्रा करते समय नकारात्मकता से बचना चाहिए और सकारात्मक रहना चाहिए। यात्रा के दौरान नई-नई जगहें दिखाई देती हैं, नए लोगों से मिलना होता है। नई-नई बातें सीखने को मिलती हैं। यात्रा की वजह से हमारे व्यक्तित्व में निखार भी आता है।*

*🚩🚩जय श्री राम🚩🚩*

*सदैव प्रसन्न रहिये!!*

*जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!*

🙏🙏🙏🙏🌳🌳🙏🙏🙏🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *